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बिहार में चुनाव है। तीसरे यानी अंतिम फेज के लिए नॉमिनेशन पूरे हो चुके हैं। हमने दोनों बड़े गठबंधनों एनडीए और महागठबंधन के कैंडिडेट्स का डिटेल का एनालिसिस किया। इसमें कई ऐसे मिले, जिनकी उम्र में हेरफेर दिखा। यह ऐसे कैंडिडेट्स हैं, जो पहले भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। हमें 12 ऐसे नाम मिले हैं, जिनकी उम्र में घोटाला है। (पहले फेज और दूसरे फेज के कैंडिडेट्स का उम्र घोटाला यहां पढ़ें) चलिए एक-एक करके जानते हैं इनके बारे में...
वो, जिनकी उम्र 5 साल में 5 साल से ज्यादा बढ़ गई
महेश्वर हजारी: 5 साल में 14 साल बढ़ गई
महेश्वर हजारी कल्याणपुर (समस्तीपुर वाली) विधानसभा सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं। 2020 में नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। समता पार्टी से नीतीश के साथ ही हैं। 2015 में 44 साल के थे, यह जानकारी उन्होंने तब अपने एफिडेविट में दी थी। 2020 आते-आते इनकी उम्र बढ़ने की रफ्तार तिगुनी हो गई। इस बार के एफिडेविट में उन्होंने अपने आप को 58 साल का बताया है।
तारकिशोर प्रसाद: 5 साल में 12 साल बढ़ गई
तारकिशोर प्रसाद कटिहार से भाजपा के उम्मीदवार हैं। पिछले तीन चुनावों से यहां के विधायक चुने जा रहे हैं। 2015 के एफिडेविट में उम्र 52 साल बताई थी। महज पांच सालों में इनकी उम्र 12 साल बढ़ गई। यह हम नहीं लिख रहे, उनका 2020 का एफिडेविट बता रहा है। उन्होंने इस बार अपनी उम्र 64 साल बताई है।
इंदु सिन्हा: 5 साल में 10 साल बढ़ गई
इंदु सिन्हा पूर्णिया सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। 2015 में पहली बार चुनाव लड़ीं थीं, लेकिन हार गईं। इस बार उन्होंने जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसमें अपनी उम्र 55 साल बताई है। जबकि, 2015 के वक्त इनकी उम्र 45 साल थी।
विद्यासागर निषाद: 5 साल में 9 साल बढ़ गए
विद्यासागर निषाद मोरवा से जदयू के उम्मीदवार हैं। 2009 में राजनीति में आए, 2015 में जदयू से चुनाव लड़े और जीते। विधायक बने। निषाद ने 2015 में अपनी उम्र 43 साल बताई थी। इस बार उन्होंने अपनी उम्र 52 साल बताई है।
अशोक कुमार: 5 साल में 9 साल बढ़ गई
अशोक कुमार वारिसनगर से जदयू के उम्मीदवार हैं। वह इस सीट से लगातार दो बार विधायक बने। 1990 में राजनीति में आए थे। इनकी उम्र 5 साल के भीतर 9 साल बढ़ गई है। 2015 में इन्होंने अपनी उम्र 55 साल बताई थी, जो 2020 में बढ़कर 64 साल हो गई।
सुधांशु शेखर: 4 साल में 7 साल बढ़ गई
सुधांशु शेखर हरलाखी सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं। 2016 में राजनीति में आए और इसी साल हुए उपचुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता। अब जदयू में शामिल हो गए हैं। 2016 के उपचुनाव के दौरान उन्होंने अपनी उम्र 27 साल बताई थी। 2020 में 34 साल बताई है। यानी, चार साल में उम्र 7 साल बढ़ गई है।
वो, जिनकी उम्र बढ़ी नहीं, या फिर घट गई
अमरनाथ गामी: पांच साल में उम्र जरा भी इधर से उधर नहीं हुई
अमरनाथ गामी दरभंगा सीट से राजद के उम्मीदवार हैं। राजनीति में 2000 में आए थे। हायाघाट से अबतक दो बार विधायक रह चुके हैं। इस बार हायाघाट की बजाय दरभंगा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2015 से 2020 हो चुका है। बदलने को 5 साल बदल गए हैं, लेकिन इनकी उम्र जरा भी इधर-उधर नहीं हुई है। 2015 में भी 49 साल के थे अभी भी 49 के ही हैं।
मुसाफिर पासवान: 5 साल में 2 साल घट गई
मुसाफिर पासवान बोचहां सीट से विकासशील इंसान पार्टी(VIP) के उम्मीदवार हैं। इससे पहले राजद, समाजवादी पार्टी से भी चुनाव लड़ चुके हैं। 2005 में राजद के टिकट पर विधायक बने थे। 2010 और 2015 में हार का सामना करना पड़ा। इस बार उन्होंने अपनी उम्र 58 साल बताई है, जबकि 2015 में 60 साल बताई थी। यानी, 5 साल में इनकी उम्र दो साल घट गई।
अब्दुस सुबहान: 5 साल में 2 साल ही बढ़ी
अब्दुस सुबहान बायसी सीट से राजद के उम्मीदवार हैं। 1982 में राजनीति में आए थे। राजद के अलावा जनता दल, लोकदल से भी चुनाव लड़ चुके हैं। 2000 से राजद के टिकट पर लड़ रहे हैं। अबतक इस सीट से 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं। इनकी उम्र 5 साल में 2 साल ही बढ़ी है। 2015 में इन्होंने अपनी उम्र 65 साल बताई थी। इस बार 67 साल बताई है।
स्वीटी सिंह: 5 साल में दो साल ही बढ़ी
स्वीटी सिंह किशनगंज सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। 2010 में पहली बार चुनाव लड़ी थीं और हार गईं। इसके बाद 2015 में उन्होंने फिर चुनाव लड़ा और हार गईं। 2019 उपचुनाव में भी हार ही मिली। 2015 में उन्होंने अपनी उम्र 36 साल बताई थी। इस बार 38 साल बताई है। पिछले 5 साल में उनकी उम्र दो साल ही बढ़ी है।
रामसूरत राय: 5 साल में दो साल ही बढ़ी उम्र
औराई सीट से भाजपा के उम्मीदवार रामसूरत राय एफिडेविट के मुताबिक वर्तमान में 47 साल के हैं। अबतक तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नसीब नहीं हो पाई है। इनकी उम्र की बात करें, तो पिछले 5 साल में दो साल ही बढ़ी है। 2015 के एफिडेविट में इन्होंने उम्र 45 साल बताई थी। 2020 में जो पांच साल बढ़कर 50 साल होना थी, लेकिन 47 साल बताई है।
शंभु सुमन: 5 साल में एक साल बढ़ी
शंभु सुमन मनिहारी सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं। चुनाव में दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2015 में निर्दलीय लड़े और हार गए थे। इस बार पार्टी के सिंबल पर लड़ रहे हैं। 2020 में इन्होंने अपनी उम्र 36 साल बताई है। वहीं, 2015 में 35 साल बताई थी। यानी, पांच साल में सिर्फ एक साल बढ़े हैं।
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