IRSC TODAY;
मंदी से अछूते रहे ये सेक्टर्स, जॉब अपॉर्चुनिटी में भी नहीं आई कोई कमी,आईओटी इंजीनियर और आईओटी आर्किटेक्ट की बढ़ेगी मांग
- Get link
- X
- Other Apps
कोरोना के चलते पैदा हुए आर्थिक मंदी ने पूरी दुनिया के लेबर मार्केट में मौजूद असमानता को और गहरा दिया है। ग्लोबल लेवल पर वर्कर्स को एक गंभीर जॉब अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के डेटा के मुताबिक 2020 की पहली 6 माही में बेरोजगारी की वास्तविक दर में 6.6 फीसदी का उछाल दर्ज हुआ। महामारी के बाद कई इंडस्ट्रीज और बिजनेस के रूप को पूरी तरह बदल दिया है। इसी के मद्देनजर आने वाले समय में करिअर बनाने की तैयारी कर रहे स्टूडेंट के लिए अपनी चॉइस इसका विश्लेषण करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए सबसे पहले स्टूडेंट्स को ऐसे सेक्टर्स की पहचान करनी होगी, जहां महामारी में जॉब की अपॉर्चुनिटी को पैदा किया है और भविष्य में भी मांग बने रहने की उम्मीद है।
फार्मास्युटिकल्स सेक्टर
भारतीय फार्मा सेक्टर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सेक्टर है और 1 मिलियन से ज्यादा लोगों को डायरेक्ट एंप्लॉयमेंट देता है। इस सेक्टर में आर एंड डी, प्रोडक्शन एंड क्वालिटी कंट्रोल, प्रोडक्ट स्पेशलिस्ट, क्लिनिकल रिसर्च, सेल साइंस राइटर्स, जैसे क्षेत्रों में करिअर के अवसर उपलब्ध है। इनके लिए खास हार्ड एंड सॉफ्ट स्किल्स जरूरी होंगी।
डाटा एनालिटिक्स
महामारी के बाद डाटा का इस्तेमाल नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से लेकर स्मार्ट गैजेट्स तक डाटा की ही मांग है। इंश्योरेंस सेक्टर से लेकर टेक्नोलॉजी, बैंकिंग और इंडस्ट्रीज में भी इसकी डिमांड है। फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, जेपी मॉर्गन चेज, हॉर्टफोर्ट इंश्योरेंस जैसी कई कंपनियां हायर कर रही हैं।
डिजिटल मार्केटिंग
सत्य नडेला के मुताबिक महामारी के दौरान माइक्रोसॉफ्ट ने 2 महीनों में डिजिटल स्पेस में इतना बदलाव अनुभव कर लिया है जितना आमतौर पर 2 साल में होता है। इसमें रिमोट टीम्स से लेकर डिस्टेंस कोलैबोरेशन और मार्केटिंग अकाउंट मैनेजमेंट तक कई बदलाव देखे गए हैं। जहां कोविड पहले ऑनलाइन खरीदारी नहीं करने वाले की संख्या 40 से 50 फीसदी थी, वह कोविड-19 में घटकर 25 फ़ीसदी रह गई है। इन ट्रेंड्स ने मांग को बढ़ाया है।
आईटी सेक्टर
कोरोना के बाद बिजनेस को बड़े पैमाने पर डिजिटाइजेशन और ऑन क्लाउड सर्विसेज को अपनाते देखा गया है। इसी के मद्देनजर क्लाउड सिक्योरिटी की मांग में 13 फ़ीसदी तक वृद्धि हो सकती है। दूसरी ओर इंटरनेट के उपयोग के बढ़ने के साथ ही आईओट्टी इंजीनियर और आईओट्टी आर्किटेक्ट की मांग 9.6 फ़ीसदी और आईओटी एनालिस्ट की मांग 8.1 फ़ीसदी बढ़ेगी।
कोरोना का इंडस्ट्री पर क्या प्रभाव हुआ और किस सेक्टर ने बनी रहेगी ग्रोथ
महामारी ने इंडस्ट्री में डिसेप्शन पैदा किया है। वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक 50 फ़ीसदी नियोक्ता अपने काम के ऑटोमेशन में तेजी लाएंगे। वहीं 80 फ़ीसदी से ज्यादा एप्म्लॉयर्स अपने वर्क प्रोसेस में डिजिटाइजेशन को विस्तार देने के लिए तैयार है। इसी तरह एक 83% रिमोट वर्क को बढ़ाने पर जोर देंगे। इन फैक्टर्स के चलते ऐसे कई जॉब जो जा चुके हैं, वह कभी लौट कर नहीं आएंगे और जो लौटेंगे उनमें काम के नए तरीकों और स्किल्स की जरूरत होगी।
सबसे ज्यादा प्रभावित फैक्टर्स
आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में एविएशन, ऑटोमोबाइल, कंस्ट्रक्शन, एमएसएमई, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्र शामिल है।
यह भी पढ़ें-
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WosLu1
- Get link
- X
- Other Apps
Comments